I RE-WROTE the popular Hindi film song "Ajeeb Daastaan Hai Yeh" from the film 'Dil Apna Preet Parayee' (1960, Lyrics: Shailendra).
Tell me what you think of it - does Bollywood deserve me ?
ये कैसी कैसी ज़िन्दगी,
ये कैसे हम, ये कैसे गम;
निगाहें किनको ढूँढती,
और सामने खड़े सनम.
तलाश की तलाश में,
ये दूरीयों के फासले;
न पास हूँ, न पास हो,
करीब होने के सिले.
किसी को बुत बना दिया,
किसी ने बुत बना लिया;
जुनून हाड़ मांस का,
हदों में नूर हो गया.
कभी कभी मैं सोचता,
के उम्र हो चली ख़तम;
कभी कभी मैं बेवजह,
हूँ ज़िन्दगी मैं यूं मलंग.
ये कैसी कैसी ज़िन्दगी,
ये कैसे हम, ये कैसे गम;
निगाहें किनको ढूँढती,
और सामने खड़े सनम.
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